Sunday, April 21, 2013

जाने कैसे बढ़ चली, दिल की धड़कन

जाने कैसे बढ़ चली, दिल की धड़कन
आज चहकने लगी, दिल की फडकन
शब्दों में कुछ भी, ना सुनूँ बेशक
तेरी आहट है, कहे दिल की धड़कन. 

सात घोड़ों पे आती है, ऊषा की किरण 
नई उम्मीदें लाती है, ऊषा की किरण 
रात बूँद बन गिरे, जो चांदनी के आंसू 
उनको मोती बनाये, ऊषा की किरण. 

चाँद के साए में लगा, कि तुम आए
सपने आँखों में सजे, कि तुम आए
आँख खोलने से, लगता डर मुझको
सपना ही न रह जाए, कि तुम आए. www.blogvarta.com

2 comments:

  1. bahut sundar abhivyakti...........

    plz visit
    ''anandkriti''
    http://anandkriti007.blogspot.com

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर विचार है शुभकामनायें. हमारे ब्लॉग पे भी कृपया पधारे !!!
    http://kuchankahisibaat.blogspot.in

    ReplyDelete